कभी भी किसी जातक को रत्न धारण करने का सुझाव राशि अनुसार नहीं दिया जाता है I चन्द्रमा की स्थित से ही हमें राशि के बारे में पता चलता है I राम और रावण की, कृष्ण और कंश की राशि भी एक ही थी लेकिन दोनों के गुणों में जमीन आसमान का अन्तर था I इसलिए चंद्र राशि के अनुसार रत्न धारण न करें । यह आपके लिए कष्टकारी हो सकता है ।
- राशि का महत्व कभी भी रत्न धारण करने के लिए नहीं होता है । राशि का महत्त्व केवल ढैय्या और साढ़ेसाती निर्धारण करने के लिए ही होता है ।
- राशि का महत्व कुण्डली मिलान में ग्रह-मैत्री के लिए होता है । क्यूंकि चन्द्रमा मन का कारक ग्रह है और मिलान में इसी राशि को मिलाना अनिवार्य है ।
- वर्गीय कुण्डली (Divisional Chart) के अनुसार रत्न कभी भी धारण नहीं किया जाता है ।
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- जिस ग्रह का रत्न धारण किया जाता है, उस ग्रह का दान नहीं किया जाता है ।
- जिस ग्रह का दान किया जाता है, उस ग्रह का रत्न धारण नहीं किया जाता है।
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