कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ?

कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ?

योग करक ग्रह की परिभाषा :

योग करक ग्रह कुण्डली में अच्छे घर का मालिक होता है l यह ग्रह जहाँ बैठता है, जहाँ देखता है और जहाँ जाता है उन घरों की वृद्धि करता है I

  • एक योग कारक ग्रह भी मारक (शत्रु) बन सकता है I यदि योग कारक ग्रह उदय अवस्था में कुण्डली के 3rd, 6th, 8th & 12th भाव में तथा नीच राशि में बैठा है तोह योगकारक ग्रह अपनी योगकारिता खो देता है और मारक ग्रह (शत्रु ग्रह) बन जाता है , वही योगकारक कहे जाने वाला ग्रह बहुत बुरा फल देने के लिए बाध्य हो जाता है I इसलिए ग्रहों की स्थित देखने के बाद ही योग कारक ग्रह का चयन करें !
  • यदि कुंडली का योगकारक ग्रह उदय अवस्था में 3rd, 6th, 8th, 12th भाव में तथा नीच राशि में बैठा है तोह भूलकर भी रत्न धारण ना करें ! नहीं तोह आप बर्बादी की तरफ चल पडेंगे !

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मारक ग्रह की परिभाषा :

मारक ग्रह कुण्डली में बुरे घरों का मालिक होता है I यह ग्रह अशुभ प्रभाव देने वाला होता है I यह ग्रह जहाँ बैठता है, जहाँ देखता है और जहाँ जाता है उन घरों का नुक्सान करता है अर्थात उन घरों पर अशुभ प्रभाव डालता है I

  • मारक ग्रह का रत्न कभी भी धारण नहीं किया जाता है I क्यूंकि मारक ग्रह से पड़ने वाली किरणें आपके शरीर की शत्रु होती हैं जो कि सदैव कष्टकारी होती है I जब भी मारक ग्रह की दशा-अन्तरा (i.e समय चले) चलेगी, आपके लिए समस्याएं लेकर आएगी I
  • मारक ग्रह सिर्फ एक कंडीशन पर अच्छा परिणाम दे सकता है जब ग्रह विपरीत राजयोग की थ्योरी में आ जाये I लेकिन उस कंडीशन में भी उस मारक ग्रह का रत्न धारण नहीं किया जायेगा I विपरीत राजयोग की सम्पूर्ण जानकारी आगे “राजयोग” के topic में दी जाएगी I

सम ग्रह की परिभाषा :

सम ग्रह कुण्डली में अच्छे भावों का मालिक होता है l पर वह लग्नेश (प्रथम भाव का स्वामी) का शत्रु या विरोधी दाल का होता है l कुण्डली में अपनी स्थित के अनुसार सम ग्रह अच्छा या बुरा फल देता है l अगर वह अच्छे भाव में बैठा है तो अच्छा फल देगा और बुरे घरों में बैठा है तो बुरा फल देगा I

  • यदि सम ग्रह अच्छे भाव (1st, 2nd, 4th, 5th, 7th, 9th, 10th, 11th) में बैठा है तोह उस ग्रह का रत्न धारण किया जा सकता है I यदि सम ग्रह कुण्डली के (3rd, 6th, 8th, 12th) भाव में तथा नीच राशि में बैठा है तोह उस ग्रह का रत्न कदापि धारण ना करें I एक गलत रत्न आपके शरीर में कई गुना नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा देगा जोकि आपको बर्बादी की तरफ ले कर जायेगा I क्यूंकि वह ग्रह गलत भाव में बैठने से अशुभ हो चुका है और उस ग्रह से हमारे शरीर पर नकारात्मक किरणें पड़ेंगी I जोकि हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं I

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9 thoughts on “कुंडली में योगकारक तथा मारक ग्रह कैसे देखें ?”

  1. Sir Financial Life main problem hai. Jab karne ka man nhi karta sochta hu ki trading ya business main jao par losses ho jate hain. Please kuch help kar dijiye. Dob hai 18 2 1976 aur subhe 4 baje exact. Rustampur main paida hua hu. Please mujhe yeh bata dijiye ki jab financial condition thik hogi

  2. princesharma

    sir mai neelam pehen skta hun?
    or career ka bta dijiye
    or kya krr skte taki career theek hojaaye
    im preparing for neet
    dob- 18jan 2001
    place- gaya, bihar

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